*वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ डेफब्लिंड (डब्ल्यूएफडीबी), 2018 सीआरपीडी एवं एसडीजी कार्यान्वयन से बहिष्कार का जोखिम: असमानता एवं बधिरंध लोग।

युगांडा में बधिरंध लोग नियमित रूप से कई बाधाओं का सामना करते हैं, साथ ही बातचीत की चुनौतियों से भी जूझते हैं। युगांडा गणराज्य का 1995 का संविधान समानता और भेदभाव से मुक्त होने के अधिकार की गारंटी देता है। युगांडा में विकलांग लोगों के लिए बनाई गई आईसीटी नीति, बातचीत को व्यापक रूप में परिभाषित करती है, जिसमें भाषा, टेक्स्ट डिस्प्ले, ब्रेल, स्पर्श आधारित बातचीत, बड़े अक्षर, सुगम मल्टीमीडिया, लिखित, ऑडियो और सरल भाषा शामिल हैं। विकलांगता के लिए आईसीटी नीति का मुख्य उद्देश्य आईसीटी का उपयोग करके विकलांग लोगों के हाशिए पर चले जाने की स्थिति को कम करना और आईसीटी उपकरणों की पहुंच और उपयोग में अंतर को पाटते हुए समान अवसर उपलब्ध कराना है।

युगांडा संचार आयोग को (युगांडा संचार अधिनियम, 2013) की धारा 5 के अंतर्गत नई तकनीकों के विकास और उपयोग पर अनुसंधान को बढ़ावा देने का अधिकार प्राप्त है, जिसमें वे तकनीकें भी शामिल हैं जो विकलांग लोगों के लिए संचार सेवाओं को सुलभ बनाती हैं। यह लंबे समय से बधिरंध लोगों के लिए सेवाओं तक पहुंच की सबसे बड़ी बाधाओं में से एक रही है।

प्रौद्योगिकी तक पहुंच बधिरंध लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण परिवर्तनकारी कदम हो सकता है, क्योंकि यह उन्हें जानकारी प्राप्त करने, दूसरों से बातचीत करने और दैनिक जीवन में भाग लेने के नए अवसर प्रदान करती है। ये संसाधन बधिरंध लोगों और उन्हें सहयोग देने वालों को जीने, सीखने और आगे बढ़ने में सक्षम बनाएंगे।