यह किसके लिये उपयोगी है?
शिक्षक, अभिभावक, विशेष शिक्षा विशेषज्ञ, पुनर्वास कर्मी
यह दस्तावेज़ दर्शाता है कि बधिरांधता केवल संवेदी अक्षमता नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति के सामाजिक, भावनात्मक और शैक्षिक जीवन पर गहरा प्रभाव डालती है। इनमें अकेलापन, रक्षात्मक व्यवहार, संप्रेषण में कठिनाई, और अद्वितीय शिक्षण शैलियाँ शामिल हैं।
बधिरांध व्यक्ति अक्सर अपनी अन्य इंद्रियों पर अधिक निर्भर रहते हैं और उन्हें रोज़मर्रा के कार्यों की जानकारी का पूर्वानुमान नहीं होता। ऐसे में उनके लिए विशेष समर्थन प्रणाली और अनुकूल शिक्षण विधियों की आवश्यकता होती है जिससे वे समाज में स्वतंत्र और सशक्त जीवन जी सकें।
बधिरांधता के प्रभाव
- दुनिया के विषय में अवधारणा विकृत होना
- अकेलापन एवं प्रोत्साहन की कमी होना
- जीवन शैली को सीखने के लिए अन्य इंद्रियों पर निर्भर होना
- स्पर्श करने पर रक्षात्मक प्रतिक्रिया देना
- प्रतिदिन अपने जीवन में होने वाली क्रियाकलापों का पूर्वाभास न होना
- संप्रेषण एवं अपने भावों को व्यक्त करने में कठिनाई होना
- संवेदी जानकारी का अभाव एवं विकास में विलंब
- विशिष्ट शिक्षण शैलियाँ
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