प्रकाशन की तिथि
फ़रवरी 2025
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यह विकलांग व्यक्तियों के कुछ अधिकारों का संक्षिप्त विवरण है, जैसा कि विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र संधि के अनुच्छेदों में वर्णित है। यह कोई कानूनी दस्तावेज़ नहीं है।

इस पृष्ठ पर आपको निम्नलिखित जानकारी मिलेगी:

संयुक्त राष्ट्र संगठन क्या है?

अधिकारों का अर्थ क्या है? – अनुच्छेद 1 के लिंक

विकलांगता का अर्थ क्या है? – अनुच्छेद 2 के लिंक

बातचीत और भेदभाव – अनुच्छेद 2 के लिंक

समान अधिकार – अनुच्छेद 3 एवं 5 के लिंक

विकलांग बालिकाएं एवं महिलाएँ – अनुच्छेद 6 के लिंक

विकलांग बच्चे – अनुच्छेद 7 के लिंक

स्वतंत्रता, सुरक्षा, संरक्षण – अनुच्छेद 14, 15, 16 एवं 17 के लिंक

स्वतंत्र जीवन, गतिशीलता – अनुच्छेद 19 एवं 20 से लिंक

परिवार – अनुच्छेद 23 से लिंक

शिक्षा- अनुच्छेद 24 के लिंक

स्वास्थ्य- अनुच्छेद 25 से लिंक

मनोरंजन, उपयोगी समय एवं खेल- अनुच्छेद 30 के लिंक

संधि क्या है ?

एक संधि विश्व भर के कई देशों के लोगों द्वारा बनाया गया एक दस्तावेज है।

विकलांग लोगों के अधिकारों पर संधि, उनके विभिन्न अधिकारों से संबंधित 50 अनुच्छेदों से मिलकर बनी है।

यह संधि निर्धारित करती है कि देशों को क्या कदम उठाने चाहिए ताकि विकलांग लोगों को भी अन्य सभी लोगों के समान अधिकार प्राप्त हो सकें।

संयुक्त राष्ट्र संगठन क्या है?

संयुक्त राष्ट्र संगठन का गठन दुनिया भर के 193 देशों द्वारा किया गया है।

ये देश विश्व में शांति, देशों के बीच मित्रता, और सभी लोगों के बेहतर जीवन के लिए मिलकर काम करते हैं — जिसमें विकलांग बच्चों का जीवन भी शामिल है।

अधिकार का अर्थ क्या है?

विकलांग बच्चों सहित सभी बच्चों के समान अधिकार हैं। सभी अधिकार महत्वपूर्ण हैं।

उदाहरण के लिए, विकलांग बच्चों को स्कूल जाने, स्वस्थ रहने, बड़े होने पर काम करने, खुशहाल जीवन जीने के साथ-साथ संधि में अन्य अधिकार भी प्राप्त हैं। संधि यह सुनिश्चित करती है कि देश इन अधिकारों का सम्मान करें।

यह संधि के अनुच्छेद 1, उद्देश्य, से संबंधित है।

विकलांगता का अर्थ क्या है?

विकलांग लोगों में वे लोग शामिल हैं, जिन्हें अपने आसपास की बाधाओं के कारण लंबे समय तक चलने, देखने, सुनने, सीखने या विभिन्न गतिविधियाँ करने में कठिनाई होती है।

यह संधि के अनुच्छेद 1, उद्देश्य, से संबंधित है।

कुछ शब्दों की परिभाषा

संचार से तात्पर्य उन विभिन्न तरीकों से है, जिनके माध्यम से विकलांग व्यक्ति संदेशों को समझ सकते हैं और उन्हें प्रेषित कर सकते हैं; उदाहरण के लिए, सांकेतिक भाषा, ब्रेल, कंप्यूटर और प्रौद्योगिकियाँ।

भेदभाव तब होता है जब किसी व्यक्ति के साथ अन्य लोगों की तुलना में अलग व्यवहार किया जाता है, या उसे उसकी विकलांगता के कारण बाहर कर दिया जाता है।

यह संधि के अनुच्छेद 2, परिभाषा, से संबंधित है।

समान अधिकार

  • लोगों को अपने निर्णय स्वयं लेने की स्वतंत्रता है।
  • किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा।
  • विकलांग लोगों को, अन्य सभी लोगों की तरह, समाज का हिस्सा बनने का समान अधिकार है।
  • विकलांग व्यक्तियों, जिनमें विकलांग बच्चे भी शामिल हैं, का सम्मान वैसे ही किया जाना चाहिए जैसे वे हैं।
  • सभी लोगों को समान अवसर और समान पहुँच प्राप्त होनी चाहिए।
  • पुरुषों और महिलाओं को समान अवसर मिलने चाहिए।

यह संधि के अनुच्छेद 3, सामान्य सिद्धांत, और अनुच्छेद 5, समानता एवं भेदभाव न किया जाना, से संबंधित है।

विकलांग लड़कियाँ और महिलाएँ

सभी देश इस बात से सहमत हैं कि विकलांग लड़कियों और महिलाओं के साथ अनुचित और असमान व्यवहार किया जाता है।

इसलिए, देशों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि विकलांग लड़कियों और महिलाओं को भी लड़कों और पुरुषों की तरह समान अधिकार, अवसर और स्वतंत्रताएँ प्राप्त हों।

यह संधि के अनुच्छेद 6, विकलांग महिलाओं से संबंधित है।

विकलांग बच्चे

विकलांग बच्चों को वही अधिकार प्राप्त हैं जो सभी अन्य बच्चों को प्राप्त हैं।

सभी कामों में, देशों को यह विचार करना चाहिए कि विकलांग बच्चों के लिए क्या सबसे अच्छा है, ताकि उनकी बात सुनी जाए और उसका सम्मान किया जाए।

यह संधि के अनुच्छेद 7, विकलांग बच्चों, से संबंधित है।

विकलांगजनों की स्वतंत्रता, सुरक्षा, संरक्षण

देशों को विकलांग लोगों की स्वतंत्रता की रक्षा करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके साथ दुर्व्यवहार न किया जाए।

किसी के साथ भी यातना, अमानवीय, क्रूर या अपमानजनक व्यवहार और दंडात्मक व्यवहार नहीं किया जा सकता।

किसी को भी शोषण, हिंसा एवं दुर्व्यवहार का शिकार नहीं बनाया जा सकता।

यह संधि के निम्नलिखित अनुच्छेदों से संबंधित है:


अनुच्छेद 14: व्यक्ति की स्वतंत्रता और सुरक्षा


अनुच्छेद 15: यातना या क्रूर, अमानवीय या अपमानजनक व्यवहार या दंड से स्वतंत्रता


अनुच्छेद 16: शोषण, हिंसा और दुर्व्यवहार से स्वतंत्रता


अनुच्छेद 17: व्यक्ति की अखंडता की रक्षा

स्वतंत्र जीवन और गतिशीलता

देशों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे यह सब कर सकें, इसके लिए विकलांग लोगों को उपयुक्त सेवाएँ प्रदान करनी चाहिए।

सभी देशों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे विकलांगजनों के लिए उपयुक्त सेवाएं प्रदान करके ये कार्य कर सकें।

यह संधि के निम्नलिखित अनुच्छेदों से संबंधित है:

अनुच्छेद 19: स्वतंत्र रूप से जीवन जीना और समुदाय में शामिल होना

अनुच्छेद 20: व्यक्तिगत गतिशीलता

परिवार

विकलांग लोगों को परिवार और व्यक्तिगत संबंधों का अधिकार है। विकलांग बच्चों को अपने परिवार के साथ रहने का अधिकार है।

देशों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इन अधिकारों का सम्मान किया जाए।

यह संधि के अनुच्छेद 23, घर और परिवार के प्रति सम्मान से संबंधित है।

शिक्षा

विकलांग बच्चों को भी अन्य सभी बच्चों की तरह स्कूल जाने और सीखने का अधिकार है।

माता-पिता, शिक्षक और सभी लोगों को उपयुक्त भाषा और तरीकों का उपयोग करके बच्चों को सीखने में सहायता करनी चाहिए।

यह संधि के अनुच्छेद 24, शिक्षा से संबंधित है।

स्वास्थ्य

विकलांग लोगों को अच्छे स्वास्थ्य का आनंद लेने और डॉक्टरों व स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच पाने का अधिकार है।

माता-पिता, डॉक्टर और सभी लोगों को बच्चों को स्वस्थ रहने में सहयोग देना चाहिए।

यह संधि के अनुच्छेद 25, स्वास्थ्य से संबंधित है।

मनोरंजन, अच्छा समय और खेल

विकलांग लोगों को भी अन्य सभी लोगों की तरह खेल, सांस्कृतिक जीवन और मनोरंजन का आनंद लेने का अधिकार है।

पुस्तकें, नाटक, संग्रहालय, फ़िल्में और खेल गतिविधियाँ विकलांग बच्चों के लिए सुलभ (accessible) होनी चाहिए।

यह संधि के अनुच्छेद 30, सांस्कृतिक जीवन, मनोरंजन, अवकाश और खेल में भागीदारी से संबंधित है।

इस संधि को पूर्ण रूप से यहाँ पढ़ा जा सकता है

यह दस्तावेज़ मूल रूप से सेंस इंटरनेशनल रोमानिया द्वारा वर्ष 2020 में तैयार किया गया था और वर्ष 2024 में सेंस इंटरनेशनल यूके द्वारा अंतरराष्ट्रीय पाठकों के लिए संपादित किया गया।

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