बच्चे के जीवन के प्रारंभिक वर्ष माता-पिता के लिए सीखने की एक चुनौतीपूर्ण अवधि हो सकते हैं। यदि आपके बच्चे को बधिरांधता, बहु-संवेदी अक्षमता (एमएसआई) और/या जटिल विकलांगता है, तो यह अवधि और भी अधिक कठिन हो सकती है।
यहां आपको कुछ सबसे सामान्य प्रश्नों के उत्तर मिलेंगे, जो जटिल विकलांगता वाले छोटे बच्चों के माता-पिता और देखभालकर्ताओं द्वारा अक्सर पूछे जाते हैं।
इस पृष्ठ पर हम निम्नलिखित प्रश्नों पर विचार करेंगे:
- यदि मेरे बच्चे को विकलांगता है, तो क्या मैं उससे संवाद कर पाऊंगा?
- यदि मेरे बच्चे को विकलांगता है, तो मैं उसे दुनिया को समझने में कैसे मदद कर सकता/सकती हूँ?
- यदि मेरे बच्चे को विकलांगता है, तो मैं उसके साथ कैसे खेल सकता/सकती हूँ?
- यदि मेरे बच्चे को विकलांगता है, तो मैं उसे अच्छी नींद में कैसे मदद कर सकता/सकती हूँ?
- यदि मेरे बच्चे को विकलांगता है, तो मैं उसे भोजन करने में कैसे मदद कर सकता/सकती हूँ?
- यदि मेरे बच्चे को विकलांगता है, तो मैं उसे नहाने, कपड़े पहनने और शौचालय जाने का प्रशिक्षण कैसे दे सकता/सकती हूँ?
- यदि मेरे बच्चे को विकलांगता है, तो मैं उसकी शिक्षा के लिए सही सहायता कैसे प्राप्त कर सकता/सकती हूँ?
- अगर मेरे बच्चे की विकलांगता की पहचान या निदान नहीं हो पाता, तो क्या होगा?
एक ऐसे बच्चे के माता-पिता होने के नाते जिसे बधिरांधता, बहु-संवेदी अक्षमता और/या जटिल विकलांगता है, आप इस अनुभव से जुड़ी चुनौतियों से अभिभूत महसूस कर सकते हैं।
ऐसे समय में यह जानना बेहद महत्वपूर्ण है कि आप अकेले नहीं हैं। इस यात्रा में आपकी मदद के लिए कई संसाधन और सहयोग उपलब्ध हैं। अपने स्थानीय समुदाय, स्वास्थ्य पेशेवरों और संगठनों से संपर्क कर यह पता करें कि आपके क्षेत्र में कौन-कौन सी सहायता सेवाएं उपलब्ध हैं।
ऐसे अन्य माता-पिता से बात करना, जो आपके अनुभव को समझते हैं और उससे सहानुभूति रखते हैं, जानकारी का एक महत्वपूर्ण स्रोत हो सकता है और यह अकेलेपन तथा अपराधबोध की भावनाओं को कम करने में मदद कर सकता है।
ऐसे अन्य माता-पिता से संपर्क करें जो इसी अनुभव से गुज़र रहे हैं। उनके साथ मिलकर, आप अपने बच्चों के विकास और कल्याण का सामना करने के तरीके खोज पाएँगे।
यदि मेरे बच्चे को विकलांगता है, तो क्या मैं उससे संवाद कर पाऊंगा?
इसका उत्तर है — बिलकुल हां! आप अपने बच्चे के साथ बातचीत कर सकते हैं।
बातचीत करने और जुड़ने के कई तरीके होते हैं — जैसे कि बोलचाल की भाषा, सांकेतिक भाषा, स्पर्श, गतिविधि, हाव-भाव, ध्वनि, चित्र, वस्तुएं, और मैनुअल या इलेक्ट्रॉनिक सहायक उपकरण।
आपके बच्चे के लिए जो तरीका सबसे बेहतर काम करता है, आप वही अपनाएं — चाहे वह ऊपर दिए गए किसी एक या एक से अधिक तरीकों का संयोजन ही क्यों न हो।
आपको अपने बच्चे के साथ संवाद करने के विभिन्न तरीकों को सीखने के लिए किसी विशेषज्ञ की मदद लेने की आवश्यकता पड़ सकती है।
यदि मेरे बच्चे को विकलांगता है, तो मैं उसे दुनिया को समझने में कैसे मदद कर सकता/सकती हूँ?
बधिरांधता, बहु-संवेदी अक्षमता और/या जटिल विकलांगता वाले बच्चों को अपने आस-पास की दुनिया से सीमित और अक्सर असंगत जानकारी मिलती है। जो जानकारी उन्हें मिलती है, वह भी कभी-कभी अधूरी या भ्रमित करने वाली हो सकती है।
इसका मतलब यह है कि घटनाओं का बार-बार एक जैसे तरीके से होना जरूरी है, ताकि बच्चे यह समझ सकें कि वे क्या अनुभव कर रहे हैं और आगे क्या होने वाला है।
यहां कुछ तरीके दिए गए हैं जिनसे आप अपने बच्चे के लिए दुनिया को अधिक समझने योग्य बना सकते हैं:
यहाँ सीखें कि आप अपने बच्चे को कैसे बताएं कि अभी क्या हो रहा है और आगे क्या होगा
यह सुनिश्चित करें कि आप यह इस तरह से बताएं, जिसे वे समझ सकें।
- किसी गतिविधि की शुरुआत और/या समाप्ति को स्पष्ट करने और बच्चे को मानसिक रूप से तैयार करने के लिए संकेतों (cues) का इस्तेमाल करें।
- उदाहरण: हर बार बाहर निकलने से पहले एक ही गाना गाना, या नहाने से पहले वही कपड़ा देना।
- किसी व्यक्ति या गतिविधि को दर्शाने के लिए उपयोग की जाने वाली वस्तुओं को “संदर्भ की वस्तुएं” (objects of reference) कहा जाता है।
दिनचर्या बनाएं और उसका पालन करें
- उदाहरण के तौर पर हर बार एक ही तरीके से बच्चे को कपड़े पहनाना, खाने के लिए तैयार करना, या अलविदा कहना।
- जहां तक संभव हो, एक ही स्थान, एक ही व्यक्ति और एक ही वस्तु का प्रयोग करें ताकि बच्चा पहचान सके कि परिचित गतिविधि हो रही है या होने वाली है।
- यह बात सच है कि पारिवारिक जीवन में यह हमेशा संभव नहीं होता, लेकिन जितनी बार आप यह कर पाएंगे, आपके बच्चे को समझने में उतनी ही मदद मिलेगी।
भौतिक वातावरण का ध्यान रखें
- कमरे या स्थान की व्यवस्था स्थिर रखें। कुछ वस्तुएं हमेशा एक ही जगह पर रहें तो बच्चे को उसे पहचानने और समझने में मदद मिलेगी।
- इससे उन्हें आत्मविश्वास मिलेगा और वे यदि चल-फिर सकते हैं, तो सुरक्षित रूप से खुद नई चीजें सीखने की कोशिश कर सकेंगे।
- हां, परिवार के बाकी सदस्यों की ज़रूरतों की वजह से ये हमेशा संभव नहीं हो पाता — भाई-बहनों की अपनी गतिविधियाँ भी होती हैं।
इंद्रियों का प्रयोग करने के लिए बच्चे को प्रोत्साहित करें
- बच्चे को स्पर्श, गंध और स्वाद का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करें, साथ ही उसकी दृष्टि और श्रवण क्षमता का भी उपयोग करने के लिए सहयोग दें
- उदाहरण के तौर पर कोई पेय बनाते समय, खाना खिलाते समय या टूथब्रश पर टूथपेस्ट लगाते समय उसके हाथों को अपने हाथों पर रखें।
- छोटे बच्चे अक्सर अपने पैरों से भी वस्तुओं की खोज करते हैं — यह सामान्य है।
समय दें और धैर्य रखें
- बधिरांधता, बहु-संवेदी अक्षमता और/या जटिल विकलांगता वाले बच्चों को जानकारी को उनके अनुकूल तरीकों से ग्रहण करने में अधिक समय और धैर्य की जरूरत होती है।
- एक बार जब आप दिनचर्या बना लेते हैं, तो जरूरी है कि बच्चा उसमें शामिल हर चरण को पहचानना सीख सके।
- यह सब बनाए रखना कठिन हो सकता है — लेकिन यदि आप रोज़मर्रा की गतिविधियों के लिए थोड़ा अतिरिक्त समय निकाल सकें, तो इससे बड़ा फर्क पड़ सकता है।
यदि मेरे बच्चे को विकलांगता है, तो मैं उसके साथ कैसे खेल सकता/सकती हूँ?
चिंता न करें—कोई भी हो, आपकी बच्चे की विकलांगता कितनी भी जटिल क्यों न हो, साथ खेलने के अनगिनत तरीके हैं।
अपने बच्चे से खेल के माध्यम से जुड़ने, बातचीत करने, सीखने एवं आनंद लेने में मदद करने के लिए इन महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना आवश्यक है:
- बच्चे को नेतृत्व करने दें—इससे वो आपको दिखा सकेंगे कि उन्हें क्या पसंद है और वे कैसे खेलना चाहते हैं।
- उदाहरण के लिए, लाल या नीले क्रेयॉन, बड़ी या छोटी गेंद—छोटे विकल्प भी बच्चे में चुनाव की शक्ति जगाते हैं।
- खेल को संवेदी बनाना – खेल नए संवेदी अनुभव (स्पर्श, गंध, ध्वनि आदि) मनोरंजक ढंग से प्रस्तुत करता है।
- निर्देश देने से बचें—बच्चे इस खोज प्रक्रिया में आनंद लेते हैं।
- खिलौनों का अनुकूलन या निर्माण – यदि बाजार में उपयुक्त या किफ़ायती खिलौने नहीं मिलते, तो आप स्वयं बना सकते हैं या मौजूदा खिलौनों को बच्चे की ज़रूरतों के हिसाब से अनुकूलित कर सकते हैं।
यदि मेरे बच्चे को विकलांगता है, तो मैं उसे अच्छी नींद में कैसे मदद कर सकता/सकती हूँ?
यहां कुछ तरीके दिए गए हैं जो आपके बच्चे को सोने एवं जागने का नियमित प्रारूप स्थापित करने में सहायता कर सकते हैं:
दैनिक दिनचर्या बनाएँ
- एक स्थिर, समझने योग्य दिनचर्या रखें जिसे बच्चा पहचान सके और अनुमान लगा सके।
- दिन में गतिविधि और आराम दोनों सुनिश्चित करें।
बच्चे के दिन के अंत की दिनचर्या
- घटनाओं का एक ऐसा क्रमिक समापन क्रम अपनाएं जो आप दोनों के लिए आनंददायक हो।
- अपने बच्चे के आराम करने एवं सोने के लिए तैयार होने के लिए एक सुरक्षित, अलग स्थान बनाएं
- यदि आप शांत हैं और अपने बच्चे के साथ आनंद का अनुभव कर रहे हैं, तो वे इसे महसूस करेंगे एवं इन भावनाओं को ग्रहण करेंगे।
हमेशा याद रखें :
- बहुत छोटी आयु के सभी बच्चों को नियमित नींद एवं जागने की प्रवृति को अपनाने में कुछ समय लगता है।
- बधिरांधता, बहु-संवेदी अक्षम एवं/या जटिल रूप से विकलांग बच्चों के लिए इसमें अधिक समय लग सकता है। इसके कई कारण हो सकते हैं। उदाहरण के लिए:
- आपके बच्चे को दिन एवं रात की समझ विकसित होने में अधिक समय लग सकता है, विशेषकर यदि उसे दृष्टि दोष हो।
- आपके बच्चे को पहले कुछ वर्षों के बाद दिन में आराम या नींद की आवश्यकता हो सकती है, जिससे रात में उनकी नींद बाधित हो सकती है।
- समय के साथ निरंतरता, धैर्य एवं दृढ़ता से बदलाव लाने में मदद मिलती है।
- रास्ते में आने वाले छोटे-छोटे संकेतों एवं सकारात्मक कदमों पर ध्यान दें एवं प्रोत्साहित हों।
यदि मेरे बच्चे को विकलांगता है, तो मैं उसे भोजन करने में कैसे मदद कर सकता/सकती हूँ?
आपके बच्चे को खाना खाने में कठिनाई क्यों हो सकती है?
यदि आपके बच्चे को बधिरांधता, बहु-संवेदी अक्षम एवं/या जटिल विकलांगता है तथा उसे भोजन करने में कठिनाई होती है, तो इसका कारण समझने में सहायता मिल सकती है।
यह निम्नलिखित स्वास्थ्य समस्याओं के कारण हो सकता है:
- आपके बच्चे को निगलने की प्रक्रिया या पाचन तंत्र से संबंधित शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं।
- यदि आपके बच्चे को कोई विशिष्ट सिंड्रोम या स्थिति है, तो अपने बच्चे की देखभाल करने वाले सहयोगी स्वास्थ्य पेशेवर से जांच कराएं कि क्या कोई शारीरिक समस्या इसका कारण है जो खाने की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है।
- पूर्व में बच्चे के इलाज के लिए प्रयोग किये गए चिकित्सीय हस्तक्षेप, जो पीड़ादाई, असुविधाजनक या भयप्रद हो सकता है। आपका बच्चा इन घटनाओं को सामान्यीकृत कर सकता है एवं उन्हें खाने से जोड़ सकता है।
- गैस्ट्रोनॉमी या नासो -गैस्ट्रिक ट्यूब के माध्यम से ट्यूब के माध्यम से खिलाने का प्रभाव। ट्यूब के माध्यम से खिलाने की लंबी अवधि का अर्थ यह हो सकता है कि आपके बच्चे को चूसना एवं खिलाना सीखने या फिर से खाने सीखने की आवश्यकता है।
- अतिरिक्त शारीरिक अक्षमता के कारण बच्चे का खुद बैठना, अपने मुंह तक हाथ ले जाना या हाथों की गतिविधियों को नियंत्रित कर पाना कठिन हो सकता है।
यह भी संभव है कि बच्चे को खाने के साथ खेलने या दूसरे छोटे बच्चों की तरह खाने का अभ्यास करने का अवसर न मिला हो। इससे भोजन और खाने का समय उसके लिए भ्रमित करने वाला या भयावह अनुभव बन सकता है।
अपने बच्चे को खाने में मदद करने के तरीके
यहां कुछ तरीके दिए गए हैं जिनसे आप अपने बच्चे को उसका भोजन करने में मदद कर सकते हैं।
शुरू करने से पहले
- किसी भी समस्या के कारण को समझने की कोशिश करें। इससे यह तय करने में मदद मिल सकती है कि आगे क्या करना है। यदि आप समझ जाते हैं कि आपका बच्चा किसी विशेष तरीके से क्यों व्यवहार कर रहा है, तो आप अधिक धैर्यपूर्वक प्रतिक्रिया दे पाएंगे।
- ध्यान रखें कि खाने से जुड़ी समस्याएं अक्सर धीरे-धीरे विकसित होती हैं और उन्हें ठीक होने में समय लग सकता है।
- यदि आप उन्हें खुद से खाना सिखा रहे हैं, तो यह सोचें कि कौन-सा ‘उपकरण’ उनके लिए खाना आसान बना सकता है। यह उनके हाथों से खाना हो सकता है या अनुकूलित बर्तनों का इस्तेमाल, जैसे बड़े हैंडल वाला चम्मच, जिससे पकड़ और नियंत्रण बेहतर हो।
सहजता सुनिश्चित करें
- यह सुनिश्चित करें कि आप और आपका बच्चा दोनों आरामदायक स्थिति में बैठे हों।
- अपने बच्चे को संकेत दें कि अब खाने का समय शुरू होने वाला है।
- किसी एक जैसे संकेत का उपयोग करें, जैसे प्लेट, कटोरा या चम्मच दिखाना, जिससे बच्चा समझ सके कि भोजन शुरू होने वाला है।
बच्चे को भोजन को सूंघने और छूने का समय दें।
- यदि आप बच्चे को खुद खिला रहे हैं तो हर निवाले से पहले एक समान संकेत दें, जैसे कि हाथ को हल्के से छूना, ताकि बच्चा समझ सके कि अगला निवाला आने वाला है।
खाना खिलाने की गतिविधि को धीमा रखें
- खाने की गति धीमी रखें, ताकि बच्चा जो जानकारी पा रहा है उसे समझने का समय मिले।
अपने बच्चे को भोजन छूने के लिए प्रोत्साहित करें
- बच्चे को भोजन छूने दें और इसके लिए प्रोत्साहित करें – इससे वह हाथ को अपने मुंह तक ले जा सकता है।
- नरम और मीठे खाद्य पदार्थों जैसे दही, केला या पपीते जैसे मसले हुए फलों से खेलने देना कभी-कभी उन्हें भोजन को सूंघने, छूने और चखने के लिए प्रेरित करता है, जिससे खाने के समय का तनाव कम हो सकता है।
बच्चे को विकल्प दें और सकारात्मक प्रतिक्रिया दें
- मसले हुए या नरम भोजन के छोटे-छोटे हिस्से बच्चे के निचले होंठ पर रखें (सीधे मुंह में न डालें), ताकि वह खुद निर्णय ले सके कि खाना है या नहीं।
- जब बच्चा सकारात्मक प्रतिक्रिया दे, तो उसकी प्रशंसा करें। सभी बच्चे प्रोत्साहन और ध्यान पसंद करते हैं, और जिस व्यवहार पर सबसे अधिक ध्यान दिया जाता है, वह अक्सर दोहराया जाता है।
- जब बच्चा कुछ खाना या करना न चाहे, तो उसे स्वीकार करें। यह कठिन हो सकता है, लेकिन शांत और धैर्यपूर्ण रहने की कोशिश करें। इससे बच्चे को यह अनुभव होता है कि वह स्थिति को नियंत्रित कर सकता है, और इससे नकारात्मक व्यवहार विकसित होने की संभावना कम हो जाती है।
यदि मेरे बच्चे को विकलांगता है, तो मैं उसे नहाने, कपड़े पहनने और शौचालय जाने का प्रशिक्षण कैसे दे सकता/सकती हूँ?
यहां कुछ तरीके दिए गए हैं जो आपके बच्चे को स्वयं नहाना, कपड़े पहनना एवं शौचालय जाना सीखने में मदद कर सकते हैं:
- हर दिन के लिए एक नियमित दिनचर्या बनाएं, जिसे आपका बच्चा समझ सके और जिसकी उसे अपेक्षा हो।
- अपने बच्चे को संकेत दें कि क्या होने वाला है।
- उदाहरण के लिए, आप ड्रेस पहनाते समय उसे छूकर यह बता सकते हैं कि अब यह सिर से ऊपर जा रहा है, और साथ ही बोल या संकेत (साइन लैंग्वेज) में भी बता सकते हैं।
- हर चरण पर प्रतिक्रिया देने के लिए बच्चे को पर्याप्त समय दें।
- जैसे अन्य बच्चों के लिए होता है, टॉयलेट ट्रेनिंग तब शुरू करें जब बच्चा लंबे समय तक सूखा रहे और उसे यह समझने लगे कि उसके साथ क्या हो रहा है।
- कुछ बच्चे, जिनमें बधिरांधता, बहु-संवेदी अक्षमता और/या जटिल विकलांगताएँ होती हैं, स्थान को लेकर असुरक्षित महसूस करते हैं और बिना सहारे पॉट या टॉयलेट पर बैठना पसंद नहीं करते। यह सुनिश्चित करें कि बच्चे के पैर ज़मीन या किसी स्टूल पर टिके हों और उसके पास पकड़ने के लिए कुछ हो — कोई वस्तु या व्यक्ति। ऐसे बच्चों के लिए हैंडरेल वाले कमोड-स्टाइल सुलभ टॉयलेट विशेष रूप से उपयोगी हो सकते हैं।
- यदि आपका बच्चा यह नहीं समझ पा रहा है कि क्या हो रहा है, तो आप यह रिकॉर्ड रखना शुरू करें कि वह आमतौर पर किस समय टॉयलेट जाता है। इससे आप उसकी दिनचर्या उसी के अनुसार तय कर सकते हैं।
ध्यान देने योग्य बातें:
- बधिरांधता, बहु-संवेदी अक्षम और/या जटिल विकलांगता वाले बच्चों को टॉयलेट ट्रेनिंग में अधिक समय लग सकता है। कुछ बच्चों के लिए आंत और मूत्राशय पर नियंत्रण पाना उनकी अक्षमता के कारण कठिन होता है।
- बाथरूम/वॉशरूम की गंध और आवाज़ें घर के बाकी हिस्सों से अलग होती हैं। यह आपके बच्चे को रुचिकर लग सकता है और वह ध्वनियों के साथ खेल सकता है, या यह अनुभव उसके लिए डरावना भी हो सकता है। यदि बच्चा बाथरूम में असहज दिखे, तो उसे सहज और सुरक्षित महसूस कराने के लिए सुगंधित साबुन या गाने का उपयोग करें।
- जो बच्चे स्नान को लेकर चिंतित रहते हैं, वे शायद छोटे स्नान कुंड (या बाल्टी) को प्राथमिकता दें, जिससे वे उनके किनारों को महसूस कर सकें – या वे आपके साथ-साथ नहाना पसंद कर सकते हैं। यदि वे ऊपर की ओर लगे नल या झरने का उपयोग करके नहा रहे हैं, तो आपका बच्चा अधिक सुरक्षित तरीके से नहाने के लिए कहीं बैठ सकते है।
- अपना समय लें/आराम से नहलाएं।
- जटिल विकलांग बच्चों को यथासंभव अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करने की आवश्यकता होती है, जिससे वे अपने लिए उपयुक्त तरीके अपना सकें। इसके लिए समय एवं धैर्य की आवश्यकता होती है।
- एक बार जब आप एक दिनचर्या स्थापित कर लेते हैं, तो आपके बच्चे के लिए प्रत्येक गतिविधि के अलग-अलग हिस्से को पहचानना महत्वपूर्ण होता है।
- यह निरंतर बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन यदि आप रोज़मर्रा की व्यक्तिगत देखभाल के लिए थोड़ा अतिरिक्त समय निकाल सकें, तो इसका असर ज़रूर पड़ेगा।
- जब बच्चा सकारात्मक प्रतिक्रिया दे, तो उसकी सराहना करें।
- यदि बच्चा किसी चीज़ को करने से मना करे, तो यह जताएं कि आप उसकी भावनाओं को समझते हैं, भले ही आपको वह गतिविधि करानी ही पड़े।
यदि मेरे बच्चे को विकलांगता है, तो मैं उसकी शिक्षा के लिए सही सहायता कैसे प्राप्त कर सकता/सकती हूँ?
विभिन्न देशों और क्षेत्रों में विकलांग बच्चों के लिए शिक्षा संबंधी प्रावधान अलग-अलग हो सकते हैं। लेकिन सबसे अहम बात यह है कि आपके बच्चे को भी अन्य सभी बच्चों की तरह शिक्षा पाने का अधिकार है
(संदर्भ: संयुक्त राष्ट्र विकलांगजन अधिकार संधि (CRPD), अनुच्छेद 24)।
आप स्थानीय संगठनों से संपर्क करें, जो आपको विशेष सेवाओं के लिए मार्गदर्शन और सही दिशा दिखा सकते हैं।
अगर मेरे बच्चे की विकलांगता की पहचान या निदान नहीं हो पाता, तो क्या होगा?
यह बहुत आम बात है कि बधिरांधता, बहु-संवेदी अक्षमता और/या जटिल विकलांगता वाले बच्चों का कोई स्पष्ट निदान न हो।
यदि आपका बच्चा जीवन के विभिन्न पहलुओं में कठिनाई का सामना कर रहा है — जैसे सामान्य विकास नहीं हो रहा है — तो यह ज़रूरी है कि किसी विशेषज्ञ से उसकी आवश्यकताओं की पहचान के लिए सहायता ली जाए।
ऐसी स्थिति में अपने स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता या स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से संपर्क करें, जो आपको निदान की प्रक्रिया में मदद कर सकता है।
यह जानकारी “सेंस” द्वारा प्रदान की गई है, जो ब्रिटेन स्थित एक अग्रणी विकलांगजन सहायता संस्था है। यह संस्था बधिरांधता सहित जटिल विकलांगता वाले लोगों का समर्थन करती है।
इस जानकारी को अंतरराष्ट्रीय पाठकों के लिए (2024 में) संपादित किया गया है।