भारत में अनुमानित 5,52,000 लोग बधिरांधता के साथ जीवन व्यतीत कर रहे हैं।*
*वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ द डेफब्लाइंड (WFDB), २०१८ – सीआरपीडी और एसडीजी कार्यान्वयन से बहिष्कार के जोखिम में: असमानता और बधिरांधजन
भारतीय संदर्भ में, बधिरांधता को ‘विकलांगता अधिकार अधिनियम, २०१६’ में इस प्रकार परिभाषित किया गया है: “ऐसी स्थिति जिसमें किसी व्यक्ति में श्रवण और दृष्टि दोनों प्रकार की हानि होती है, जिससे गंभीर सम्प्रेषण, विकास और शैक्षिक समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।” भारत में ५,००,००० से ज़्यादा लोग बधिरांधता के साथ जीवन यापन कर रहे हैं, लेकिन इस जनसंख्या के सहयोग के लिए केवल सीमित संख्या में संगठन कार्यरत हैं।
इस अंतर को दो मुख्य कारणों से जोड़ा जा सकता है: पहला, बधिरांधता के विषय में विभिन्न पक्षों, जैसे सामान्य जनता, नीति-निर्धारकों, पेशेवरों और विकलांगजनों हेतु संगठनों के बीच जागरूकता का अभाव है। दूसरा, बधिरांधता के लिए पुनर्वास कार्यक्रमों पर विशेष रूप से सरकारी और विकास हेतु भागीदारों (दानदाताओं) से सीमित वित्तीय सहायता और समर्थन होता हैं।११,१२ इसके अलावा, बधिरांध व्यक्तियों को अक्सर उन संगठनों द्वारा बाहर रखा जाता है जो केवल एक विकलांगता (जैसे श्रवण-बाधितों या दृष्टि-बाधितों हेतु) के लिए कार्य करते हैं। परिणामस्वरूप, उन्हें अपनी शिक्षा, चिकित्सीय देखभाल और पुनर्वास के लिए स्वतः संसाधनों की तलाश करनी पड़ती है।२,७
बधिरांधजनों के लिए प्रौद्योगिकी तक पहुँच एक बड़ा बदलाव ला सकती है, जो जानकारी तक पहुँचने, दूसरों से संवाद करने और दैनिक जीवन में भाग लेने के नए तरीके प्रदान करता है। ये संसाधन बधिरांधजनों एवं उन्हें सहयोग प्रदान करने वालों को जीने, सीखने और उन्नत होने में सक्षम बनाएगा।
आरपीडब्ल्यडी अधिनियम, 2016 का ए-जेड
आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम, 2016 का ए-से-जेड एक आसान मार्गदर्शिका है, जो दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम पर आधारित है। यह भारत सरकार द्वारा पारित एक ऐतिहासिक कानून है, जिसका उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों और विशेषाधिकारों की रक्षा करना है।
विकलांगजनों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र संधि
यह विकलांग व्यक्तिय के कुछ अधिकारों का संक्षिप्त विवरण है, जैसा कि विकलांग व्यक्तिय के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र संधि के लेखों में वर्णित है। यह कोई कानूनी दस्तावेज़ नहीं है। इस पृष्ठ पर आपको निम्नलिखित जानकारी मिलेगी: संयुक्त राष्ट्र संगठन क्या है? अधिकारों का अर्थ क्या है? – अनुच्छेद…
बधिरांधता से प्रभावित व्यक्ति से संवाद करने के तरीके
बधिरांधता से प्रभावित व्यक्ति से एवं करने एवं जुड़ने के हजारों तरीके हैं – चाहे वह वाक्, सांकेतिक भाषा, स्पर्श, गति, हावभाव, ध्वनि, चित्र, वस्तुएं या इलेक्ट्रॉनिक सहायता के माध्यम से हो। याद रखें, एवं संवाद करने का नया तरीका सीखने में कभी देर नहीं होती। कोशिश करते रहें एवं गलत होने की चिंता न करें।